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उन तमाम गुरूओं को समर्पित जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया.

Thursday, February 26, 2009

प्राइवेट

नदीम अहमद नदीम





महेश को शहर में घूमते देखकर मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि महेश तो बी.एड. कर रहा है वो भी दूसरे जिले में और फिर इन दिनों छुट्टियां भी तो नहीं हैं। मेरी जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी आख़िर महेश से मैंने पूछ लिया भाई साहब आपको तो पता है मैं यहाँ प्राइवेट जॉब करता हूँ। उसी से घर खर्च चलता है। मेरा बी.एड. कॉलेज प्राइवेट है उसके प्रबंधक ने स्वयं मुझसे कहा कि इतना.........! और अपना जॉब करो।
बात समझ में आ चुकी थी लाखों रुपया देकर कॉलेज आवंटित करवाने वाला प्रबंधन इसी तरह से तो अपनी उगाही करेगा।

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