नारी चेतना
नगमा जावेद
मैं -
अपने खोये हुए ख्वाबों को
ढूंढ रही हूं -
वो ख्वाब, जो मुझे
ये एहसास देंगे
कि
मैंने तुम्हारे
संगदिल हाथों से
अपने हिस्से की की धूप
छीन ली है।
उन तमाम गुरूओं को समर्पित जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया.
नगमा जावेद
मैं -
अपने खोये हुए ख्वाबों को
ढूंढ रही हूं -
वो ख्वाब, जो मुझे
ये एहसास देंगे
कि
मैंने तुम्हारे
संगदिल हाथों से
अपने हिस्से की की धूप
छीन ली है।
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