आप सभी का स्वागत है. रचनाएं भेजें और पढ़ें.
उन तमाम गुरूओं को समर्पित जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया.

Sunday, March 29, 2009

दुनिया मुझसे चलती है

- शैफाली
उनके पास जीवन है, विज्ञान है, ताकत भी है
उनके पास जोश है, ज्ञान है, नफरत भी है
उनके पास प्यार है और परमात्मा भी है
उनके पास पानी है और आग भी है
उनके पास निर्जीव, सजीव दोनों दुनिया है
मेरे पास सिर्फ एक देह, एक आत्मा और कुछ संवेदनाएँ हैं

फिर भी वो नहीं जानते ये दुनिया कैसे चलती है
और मैं कहती हूँ मैं इश्क हूँ और दुनिया मुझसे चलती है.....
********************************************************************

3 comments:

वर्षा March 29, 2009 at 5:48 PM  

ख़ूबसूरत कविता है।

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) April 6, 2009 at 8:43 AM  

bilkul sach kahate ho aap....ishk se hi to chalti hai duniya....nafrat vale to kabkaa ise mita daalte....!!

About This Blog

  © Blogger templates ProBlogger Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP