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उन तमाम गुरूओं को समर्पित जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया.

Sunday, November 30, 2008

बीती बातें

VIJAY KUMAR SAPPATTI


दिल बीती बातें याद करता रहा
यादों का चिराग रातभर जलता रहा
नज़म का एक एक अल्फाज़ चुभता रहा
दिल बीती बातें याद करता रहा

जाने किसके इन्तेजार मे
शब्बा ऐ सफर कटता रहा
जो गीत तुमने छेड़े थे
रात भर मैं वह गुनगुनाता रहा
दिल बीती बातें याद करता रहा

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