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उन तमाम गुरूओं को समर्पित जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया.

Saturday, December 6, 2008

शब्दों की वादियाँ

SEEMA GUPTA

शब्दों की वादियों मे
विचरता ये मन ,
खोज रहा कुछ ऐसे कण ,
जो सजा सके मनोभावों को,
चाहत के सुंदर साजों को,
लुकती छुपती अभिलाषा को,
नैनो मे दुबकी जिज्ञासा को,
सिमटी सकुचाई आशा को,
निश्चल प्रेम की भाषा को,
शब्दों की वादियों मे
विचरता ये मन ,
खोज रहा कुछ ऐसे कण............

1 comments:

दिगम्बर नासवा December 6, 2008 at 7:01 PM  

शब्दों को ढूँढती, शब्दों से खेलती
सुंदर अभिव्यक्ति

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