दोषी कौन
SEEMA GUPTA
मैं ताज .....
भारत की गरिमा
शानो शौकत की मिसाल
शिल्प की अद्भुत कला
आकाश की ऊँचाइयों को
चूमती मेरी इमारतें ,
शान्ति का प्रतीक ...
आज आंसुओं से सराबोर हूँ
मेरा सीना छलनी
जिस्म यहाँ वहां बिखरा पढा
आग की लपटों मे तडपता हुआ,
आवाक मूक दर्शक बन
अपनी तबाही देख रहा हूँ
व्यथित हूँ व्याकुल हूँ आक्रोशित हूँ
मुझे कितने मासूम निर्दोष लोगों की
कब्रगाह बना दिया गया...
मेरी आग में जुल्स्ती तडपती,
रूहें उनका करुण रुदन ,
क्या किसी को सुनाई नही पढ़ता..
क्या दोष था मेरा ....
क्या दोष था इन जीवित आत्माओं का ...
अगर नही, तो फ़िर दोषी कौन....
दोषी कौन, दोषी कौन, दोषी कौन?????
3 comments:
क्या दोष था मेरा ....
क्या दोष था इन जीवित आत्माओं का ...
अगर नही, तो फ़िर दोषी कौन....
दोषी कौन, दोषी कौन, दोषी कौन?????
dosi hain hamari vot kee rajneeti. narayan narayan
बहुत ही बेहतरीन व सामयिक रचना है।बधाई स्वीकाएं।
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