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उन तमाम गुरूओं को समर्पित जिन्होंने मुझे ज्ञान दिया.

Saturday, November 29, 2008

कोई तो मेरे देश को बचा ले

VIJAY KUMAR SAPPATTI



आज मेरा देश जल रहा है , कोई तो मेरे देश को बचा ले .

आज सुबह देखा तो मुबई की घटनाओ ने दिल दहला दिया . मुझे ये बात समझ नही आती है कि कोई भी आतंकवादी , हमारे जैसा सामर्थ्यवान देश में कैसे बार - बार चले आतें है , शायद दुनिया में भारत ही अकेला ऐसा देश है जो इतना सामर्थ्यवान होने के बावजूद इन हमलों को रोक नही पाता है.

अच्छा ,एक बात और ..; अगर बाहर के आतंकवादी हमलों से हमारा पेट नही भरता , जो आपस में ही धर्म, भाषा, जाती , इत्यादि के नाम पर लड़ लेते है . और इन सारी बातों में सिर्फ़ बेक़सूर लोग मरते है ...

मेरा देश अब पूरी तरह से banana country बन गया है ... किसी को क्या दोष दे...
...आईये दोस्तों मेरे साथ प्रार्थना करें...

आज मेरा देश जल रहा है ,
कोई तो मेरे देश को बचा ले.
कौन है ये ?
कोई हिंदू ,कोई मुस्लिम, कोई सिख या कोई ईसाई ;
क्या इनका कोई चेहरा भी है ?
क्या ये इंसान है ....
क्यों ये मेरे देश की हत्या करतें है ,
क्यों ये मेरी माँ का सीना छलनी करतें है ..
हे प्रभु ;
कोई कृष्ण ,कोई बुद्ध ,कोई नानक , कोई ईसा ;
पैगम्बर बन कर मेरे देश आ जाए ..
मेरे देश को जलने से बचाए .
मेरे देश को मरने से बचाए..

आओं दोस्तों , मिल कर हम सब,
इंसानियत का धर्म आपस में फैलाएं
मिल कर हम सब मेरे देश को बचाएँ ...
मेरे देश को बचाएँ

2 comments:

सौरभ कुदेशिया November 29, 2008 at 6:30 PM  

koi se matlab kya hai aapka? kya koi bahar se aakar ke hamara desh bachaayega? desh aapka or hamara hai to bachana bhi hame hi padega..bahar se to sirf hamla kiya ja sakta hai...

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद November 29, 2008 at 9:50 PM  

हर शाख पे उल्लू बैठे हैं
अंजामे-गुलिस्तां क्या होगा?

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